Wednesday, July 31, 2019

आज के भारत के बेरोजगार इंजीनियरिंग स्नातक

कुछ दिन पहले, मैंने एक प्रमुख अंग्रेजी अख़बार में बेरोजगार इंजीनियरिंग स्नातकों की खबर पढ़ी थी। ये तथ्य बहुत ही चौंकाने वाले थे। अख़बार के अनुसार 50% से अधिक इंजीनियरिंग स्नातक बेरोजगार हैं।यह स्थिति बहुत खतरनाक है और मैं इस बारे में बहुत चिंतित हूं क्योंकि मैं भी एक इंजीनियरिंग स्नातक हूँ। आज से कुछ वर्षो पहले तक इंजीनियरिंग डिग्री को एक बहुत ही प्रतिष्ठित डिग्री माना जाता था
और एक इंजीनियरिंग स्नातक को उसकी तकनीकी एवम शैक्षणिक योग्यता तथा सुरक्षित नौकरी के कारण समाज में एक अलग दर्जा प्राप्त था लेकिन आज आप देखेंगे कि इंजीनियरिंग स्नातक बिना किसी विरोध के अपने नियोक्ताओं द्वारा निर्धारित नियमों और शर्तों पर काम करने के लिए तैयार हैं या हम कह सकते हैं वे अपनी डिग्री से समझौता कर लेते हैं । इसके पीछे क्या कारण हैं? मैंनेइस स्थिति के कारणों की खोज करने की कोशिश की। कुछ इंजीनियरिंग स्नातकों का साक्षात्कार भी किया और उन्होंने जो जवाब दिए वो अकल्पनीय थे उन्होंने कहा कि वे इंजीनियरिंग कॉलेजों में बहुत आसान तरीके से या बिना किसी प्रवेश परीक्षा के दाखिला पा जाते हैं । इसके साथ ही जब मैंने इस पर गहरी खोज की तो पाया कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए दलालो का बहुत बड़ा नेटवर्क सक्रिय है और इस कारण जो छात्र इंजीनियरिंग की डिग्री के लिए सक्षम या फिट नहीं हैं, वे भी विभिन्न इंजीनियरिंग ब्रांचों में प्रवेश प्राप्त कर रहे हैं और डिग्री प्राप्ति के बाद ये छात्र उद्दोगों की मांग के मुताबिक अपने आप कि ढाल नहीं पाते । इस दयनीय स्थिति का एक और कारण यह है कि सरकार
द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार इंजीनियरिंग कॉलेज सक्षम छात्रों को इंजीनियरिंग की शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं इसलिए मेरे विचार में अब पूरे भारत में जेईई के अलावा एक और प्रवेश परीक्षा परीक्षा प्रणाली को अपनाने का समय आ गया है साथ ही साथ उन सभी इंजीनियरिंग संस्थानों पर गंभीर कार्रवाई करने का समय भी आ गया है जोकि भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित मानकों औरमानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए मेरे विचार से तकनीकी शिक्षा में अब कठिन निर्णय लेने का समय आ गया है जिससे कि इंजीनियरिंग स्नातकों के सुनहरे दिन वापस आ सकेंगे साथ ही साथ उद्दोगों की मांग के मुताबिक योग्य, कुशल, जानकार, तर्कसंगत इंजीनियरिंग स्नातक तैयार हो सकेंगे और तकनीकी रूप से कुशल इन छात्रों को भर्ती करने के लिए नियोक्ताओं पर दबाव बढ़ेगा ।


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