हाल के दिनों में ब्राज़ील के जंगलों में लगी आग ने एन्वॉयरमेंट को कितना नुकसान पहुँचाया, इसका अनुमान लगाना बहुत ही मुश्किल है l ये वही जंगल हैं जो संसार को बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करते हैँ l भारत में भी सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल २०२० से बीएस iv वाहनों की बिक्री पर बैन लगा दिया है क्योंकि इन वाहनों के इंजन का धुआँ पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुँचा रहा है l दुनिया भर में किये जा रहे परमाणु परीक्षण भी पर्यावरण को अत्यधिक नुक़सान पहुँचा रहे हैं l आज कहीं कहीं इतनी बारिश हो रही कि बाढ़ जैसी स्थितियाँ बन जाती हैं और जहाँ बारिश की जरुरत होती है वहाँ पर सूखा पड़ रहा है l क्या आप जानते हैं कि इन सब के कौन जिम्मेदार है ? मेरे अनुसार सिर्फ और सिर्फ मनुष्य ही इन स्थितियों के लिए जिम्मेदार है और वह दिन ज्यादा दूर नहीं जब हमारी धरती रहने लायक नहीं बचेगी क्योंकि आये दिन बाढ़, सुनामी और तूफ़ान आयेंगे, ज्वालामुखी फटेंगे और सूखा पड़ेगा l अगर हमें इन सब से बचना है और अपनी धरती को सेफ रखना है तो हम सभी को अपनी धरती के पर्यावरण से छेड़-छाड़ बंद करनी पड़ेगी तथा हम सभी को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करना पड़ेगा और हम सभी को अपने आप को एक एनवायरमेंट इंजीनियर की भूमिका में पेश करना पडेगा l बस यहीं से एन्वायरमेंट इंजीनियर की भूमिका की शुरुआत होती है क्योंकि जिस तेजी से हम अपने पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे हैं उसमे सुधार एक एन्वायरमेंट इंजीनियर ही कर सकता है l आज दुनिया भर के देश पर्यावरण को बचाने के लिए जिस तेजी से पर्यावरण शोधों को बढ़ावा दे रहे हैं उससे तो लगता है कि आनेवाले दिनों में एन्वायरमेंट इंजीनियर की माँग बढ़ती ही जायेगी l एन्वायरमेंट इंजीनियर का प्रमुख़ कार्य ऐसी तकनीकों को विकसित करना है जो प्रदूषण को कम करें या कम करने में हमारी हेल्प कर सकें l साथ ही साथ अगर हमें साफ़ हवा , पीने के लिए साफ़ पानी और खाने के स्वच्छ भोजन चाहिए तो अच्छे एन्वायरमेंट एक्सपर्ट्स पैदा करने होंगे क्योंकि जो काम एन्वायरमेंट एक्सपर्ट्स कर सकते हैं पर्यावरण के लिए वह कोई नहीं कर सकता l आज की विषम परिस्तिथियों में समाज में हर तरफ एन्वायरमेंट एक्सपर्ट्स की भूमिका बढ़ती जा रही फिर चाहे वो भवन निर्माण का क्षेत्र हो या सड़क निर्माण का या फिर नदियों को दूषित होने से बचाना हो l अंत में मेरा अपने सुधी पाठकों से अनुरोध है कि एन्वायरमेंट एक्सपर्ट्स के साथ-साथ हम सभी को भी अपनी-अपनी भूमिका का सही से निर्वहन करना होगा जिससे हम अपने पर्यावरण को रहने के लिए सुरक्षित बना सकें l
डॉ अजय प्रताप सिंह
सम्पादक
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