क्रेडिट कार्ड एक वरदान है या अभिशाप, यह तो इसके उपयोग पर निर्भर करता है परन्तु भारत में आज के युवा वर्ग के लिए क्रेडिट कार्ड रखना एक स्टेटस सिम्बोल बन गया है l कुछ दिनों पहले दिल्ली में एक खबर सुनने में आयी कि एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी 4 वर्षीय लड़की के साथ सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली क्योकि उस व्यक्ति पर विभिन्न क्रेडिट कार्ड कम्पनियों का करीब 8 लाख रुपये बकाया हो गया था l इस सम्पूर्ण प्रकरण में उस बेचारी बच्ची का क्या कसूर ? उस बेचारी बच्ची को न तो क्रेडिट कार्ड के "क " का मतलब पता था, न ही "ड " का और न ही "ट " का l इंग्लिश में एक कहावत है ,"यूज़ क्रेडिट वाईजली"l अर्थात क्रेडिट कार्ड (उधारी) का उपयोग बहुत समझदारी से करना चाहिए l क्रेडिट कार्ड एक बहुत ईज़ी मनी है ऐसा लोगों का सोचना और समझना है , परन्तु मेरी समझ से जो पैसा या उधारी जितनी आसानी से उपलब्ध होती है, उसे चुकाना उतना ही मुश्किल होता है l क्रेडिट कार्ड के चक्कर में लोग अपनी ख़र्च करने की सीमा भूल जाते हैं और फिर उधारी के जाल में फँसते जाते हैं l महान इन्वेस्टर वारेन बफे ने भी युवाओं को क्रेडिट कार्ड से दूर रहने की सलाह दी है l ऐसा नहीं है कि क्रेडिट कार्ड के सिर्फ नुकसान ही हैं , अगर आप क्रेडिट कार्ड का समझदारी से उपयोग करते हो तो यह एक वरदान भी साबित हो सकता है l मेरे एक मित्र हैं दिल्ली में रहते हैं, वह अपनी सभी खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं उनका क्रेडिट कार्ड उन्हें 5% का कॅश बैक देता है उनके हर एक खर्चे पर l मतलब कि उनके प्रति महीने लगभग 20000/- के खर्चे पर सालाना उन्हें 12000/- की बचत कॅश बैक के रूप में होती है l उनकी एक ख़ासियत, अपने खर्चों पर नियंत्रण के कारण क्रेडिट कार्ड उनके लिए वरदान बन गया है l एक अन्य क्रेडिट कार्ड के कारण साल भर में 3 बार वह मुफ्त हवाई सफर करते हैं , दिल्ली से इंदौर तक l क्रेडिट कार्ड के मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की जब तक बहुत जरुरी न हो इसका उपयोग न करें और अगर करते हैं तो कार्ड की सम्पूर्ण आउटस्टैंडिंग या बिल का पूर्ण भुगतान करें l क्योकि अगर आप सर मिनिमम अमाउंट डिउ का भुगतान करते हैं तो सिर्फ 5000/- रुपए को पूर्णतया चुकाने में आपको 5 साल से ज्यादा का वक्त लग जाएगा l
डॉ अजय प्रताप सिंह
सम्पादक एवं आर्थिक मामलों के जानकार
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