Thursday, September 19, 2019

ई-सिगरेट पर प्रतिबंध : एक सराहनीय एवं कल्याणकारी कदम

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ई-सिगरेट पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्ध लगा दिया है l सरकार का यह कदम एक अच्छा एवं सराहनीय कदम है l सबसे पहले तो हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि वास्तव में ई-सिगरेट है क्या ? ई-सिगरेट बीड़ी, सिगार या कोई अन्य धूम्रपान वाले तम्बाकू उत्पादों के विकल्प के रूप में प्रकट हुई थी l ई-सिगरेट को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी कहा जाता है और इसका अविष्कार हमारे पड़ोसी देश चाइना ने किया था, वर्ष था सन 2003 l ई-सिगरेट में तम्बाकू के स्थान पर एक तरल पदार्थ का प्रयोग किया जाता है l ई-सिगरेट को हम वेपर के नाम से भी जानते हैं l ई-सिगरेट एक बैटरी चालित एक्विपमेंट है जो इसके कैप्सूल में रखे रासायनिक मिश्रण को वेपराइज़ करता है और उससे उत्पन्न वेपर को प्रयोग करने वाला अपने अंदर इनहेल करता है l ई-सिगरेट आजकल एक फैशन बन गया है, समाज का प्रत्येक वर्ग इसकी चपेट में आ चुका था l  बच्चे, युवा , प्रौढ़, बुज़ुर्ग और यहाँ तक महिलाएं  भी ई-सिगरेट को पीने में अपनी शान समझतीं थी l ई-सिगरेट का सेवन करने वाले अक्सर फेफड़ो के रोग से ग्रस्त हो जाते हैं l एक शोध के मुताबिक ई-सिगरेट का सेवन करने से हार्ट-अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है l वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है l कुछ कम्पनियाँ ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड नामक केमिकल का उपयोग करती हैं जोकि अत्यंत खतरनाक और कैंसर उत्पन्न करने वाला होता है l अतः सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम एक क्रांतिकारी कदम है और जनमानस के लिए कल्याणकरी भी है इस कदम के फलस्वरूप भारत में ई-सिगरेट का उत्पादन, बेचना, इंपोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और विज्ञापन तत्काल प्रभाव से पूर्णतः प्रतिबन्धित हो गए हैं और जो इसका उल्लंघन करते हुआ पाया जायेगा उसे दण्डित करने का भी प्रावधान किया गया है l सरकार  ने पहली बार नियमों के उल्लंघन पर एक साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव दिया है तथा एक से अधिक बार नियम तोड़ने वाले को 5 लाख रुपये जुर्माना और 3 साल तक की जेल का प्रावधान करने की सिफ़ारिश की गयी है l सरकार ने तो अपना काम कर दिया है अब हमें एक जागरूक एवं सभ्य नागरिक का परिचय देते हुए सभी प्रकार के धूम्रपान से समाज एवं देश को बचाने का संकल्प लेना चाहिए है क्योंकि सभ्य समाज में धूम्रपान जैसी कुरीति की कोई जगह नहीं होनी चाहिए l 


जय हिन्द जय भारत 


 


डॉ अजय प्रताप सिंह 


संपादक, नर्मदा प्रदेश 


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