Wednesday, May 27, 2020

भारतीय इकॉनोमी आज़ादी के बाद से अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है : रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का

भारतीय इकॉनोमी आज़ादी के बाद से अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रही है l ऐसा मानना है रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का l क्रिसिल का कहना है कि आजादी के बाद इससे पहले तीन बार अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आई थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका दिया है और भारतीय इकॉनोमी की कमर तोड़ कर रख दी है l रेटिंग एजेंसी के मुताबिक भारत अब  तक की सबसे खराब मंदी की स्थिति का सामना कर रहा है l उसने कहा कि आजादी के बाद यह चौथी और उदारीकरण के बाद यह पहली मंदी है जो कि सबसे भीषण है l रेटिंग एजेंसी का कहना है कि महामारी के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था में सामान्य ग्रोथ के लिए एक लम्बा समय लग सकता है जो कम से कम 3-4 साल का होगा l रेटिंग एजेंसी के अनुसार लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है l एजेंसी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के जीडीपी ग्रोथ रेट में 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है l इससे पहले 28 अप्रैल को CRISIL ने जीडीपी ग्रोथ रेट को 3.5 फीसदी से घटाकर 1.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था l एजेंसी की मानें तो पिछले एक महीने में आर्थिक स्थिति और बिगड़ी है l क्रिसिल ने मानना है कि पिछले 69 वर्षों के आंकड़ों को देखें तो देश में केवल तीन बार साल 1958, 1966 और 1980 में मंदी आई थी l इन तीनों मंदी की एक ही वजह मानसून का साथ नहीं देना था l खराब मानसून की वजह से खेती पर काफी बुरा असर पड़ा था और अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ था l क्रिसिल के अनुसार, लाकडाउन की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली है l टूरिज्म जैसे सेक्टर का सबसे बुरा हाल है. रोजगार और आय पर प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को कामकाज मिला हुआ है l


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