देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बहुत तेज रफ़्तार से बढ़ रही है और आज ये संख्या क़रीब 1 लाख 12 हजार 359 तक पहुंच गई है l इसके चलते देश में लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाया गया है। हालांकि, कुछ शर्तों के साथ राहत भी दी गई है। प्राइवेट और सरकारी ऑफिस खोलने, ऑटो, कैब और बस के संचालन, सभी तरह की दुकानें खोलने जैसी कई गतिविधियों में छूट का ऐलान किया गया है। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑफिसों और सभी तरह के कार्यस्थलों में कैसे काम होगा? किन-किन बातों का ध्यान रखना है? क्या करना है और क्या नहीं? इसके लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
ऑफिस में ये ऐहतियात जरूरी
ऑफिस में लोगों के बीच एक मीटर की दूरी रखना जरूरी होगा।
- फेस कवर या मास्क लगाना जरूरी होगा।
- हाथ गंदे नहीं दिखने पर भी इम्प्लॉइज को बार-बार 40 से 60 सेकंड तक हाथ धोने के लिए प्रेरित करना होगा।
- कम से कम 20 सेकंड तक अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर्स का इस्तेमाल करना होगा।
- खांसते-छींकने वक्त एटीकेट्स का ध्यान रखना होगा।
- सभी को अपनी सेहत की खुद निगरानी करनी होगी। तबियत खराब होने पर संस्थान को सूचित करना होगा।
अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो
- अगर स्टाफ के किसी भी व्यक्ति को फ्लू जैसे लक्षण हैं तो उसे ऑफिस न बुलाएं और स्थानीय प्रशासन से सलाह लें।
- अगर ऐसा कोई स्टाफ मेंबर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे तुरंत अपने ऑफिस को सूचित करना होगा।
- अगर कोई स्टाफ कंटेनमेंट जोन में रह रहा है और होम क्वारैंटाइन रहना चाहता है तो संस्थान को उसे इसकी इजाजत देनी होगी।
- अगर एक ही ऑफिस में काम करने वाले किसी व्यक्ति में कोराेना जैसे लक्षण नजर आते हैं तो उसे वर्क प्लेस पर किसी एक कमरे में दूसरों से आइसोलेट कर दें और तुरंत डॉक्टर को जांच के लिए बुलाएं। तुरंत इसकी सूचना 1075 हेल्पलाइन पर दें।
- इसके बाद जिला स्तर की टीम हालात पर गौर करेगी। वह देखेगी कि जोखिम कितना है। इसके बाद वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों और संस्थान को डिसइन्फेक्ट करने की सलाह देगी।
- अगर किसी संदिग्ध कोरोना मरीज को हल्के लक्षण हैं तो उसे होम आइसोलेशन में रखा जाएगा।
- रेपिड रिस्पॉन्स टीम मरीज की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करेगी।
- अगर किसी मरीज के संपर्क में आ चुके लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है तो उस वर्क प्लेस के कोरोना का कल्स्टर बनने की आशंका रहेगी। वहां 15 से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में संपर्क में आए लोगों का रिस्क असेसमेंट होगा। उन्हें आइसोलेट करना होगा या क्वारैंटाइन करना होगा।
- जो सबसे ज्यादा जोखिम में होंगे, उन्हें 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा। उन्हें होम क्वारैंटाइन की गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
- जिन्हें ज्यादा जोखिम नहीं है, वे कामकाज जारी रख सकेंगे, लेकिन उनकी सेहत पर 14 दिन करीबी नजर रखनी होगी।
अगर एक या दो मामले सामने आए हैं तो मरीज 48 घंटे में जहां-जहां गया होगा, उन जगहों को डिसइन्फेक्ट किया जाएगा।
- ऐसे मामले में पूरा ऑफिस बंद करना जरूरी नहीं होगा। ऑफइस डिसइन्फेक्ट होने के बाद वहां पर दोबारा काम शुरू किया जा सकेगा।
- अगर किसी ऑफिस में ज्यादा मामले सामने आए हैं तो पूरी बिल्डिंग को 48 घंटे बंद करना होगा।
- बिल्डिंग को बारीकी से डिसइन्फेक्ट किया जाएगा। जब बिल्डिंग को दोबारा फिट घोषित नहीं किया जाता, तब तक स्टाफ घर से काम करेगा।
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