केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोनावायरस का वैक्सीनेशन स्वैच्छिक होगा। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारत में डेवलप की गई वैक्सीन उतनी ही प्रभावी होगी, जितनी कि दूसरे देशों में बनाई गईं वैक्सीन। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि वैक्सीन का पूरा कोर्स लें ताकि खुद को कोरोना से बचा सकें और संपर्क में आने वाले परिजनों, दोस्तों, रिश्तेदारों और साथी कर्मचारियों में भी इसके संक्रमण को नियंत्रित कर सकें।
केंद्रीय मंत्रालय ने वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर पूछे गए सवालों के आधार पर एक स्टेटमेंट जारी किया है।
5 प्वाइंट में समझें वैक्सीनेशन ड्राइव
- 1. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीनेशन का शेड्यूल पूरा करने के लिए 28 दिन के अंतर पर वैक्सीन के दो डोज लगवाने होंगे। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर ज्यादा तादाद में वैक्सीनेशन के लिए सेंटर्स पर प्रियॉरिटी ग्रुप चुन लिया गया है। ऐसे लोगों को खतरा ज्यादा है और उन्हें ही प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाई जाएगी।
- 2. केंद्रीय मंत्रालय के मुताबिक, पहला ग्रुप में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को शामिल किया गया है। दूसरे ग्रुप में 50 साल से ऊपर और 50 साल से नीचे उन लोगों को वैक्सीनेट किया जाएगा, जिन्हें पहले से गंभीर बीमारियां हैं।
- 3. क्या किसी संक्रमित व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जाएगी? इस सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद ऐसे व्यक्ति को वैक्सीन लगाई जाएगी।
- 4. वैक्सीनेशन के लिए एलिजिबल लोगों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वैक्सीनेशन के संबंध में जानकारी दी जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि उन्हें किस सेंटर पर वैक्सीन लगाई जाएगी और कब लगाई जाएगी।
- 5. वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के दौरान पहचान के लिए फोटो आईडी भी अनिवार्य है।
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