मध्यप्रदेश में अगस्त माह से कॉलेज खोलने की तैयारी है। लेकिन स्कूल खोलने को लेकर फिलहाल सैद्धांतिक तौर पर सहमति नहीं बन पाई है।कॉलेज खोलने को लेकर मंत्री समूह की बैठक में सहमति बन गई है, लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे। साथ ही साथ बस, कॉलेज में एंट्री से पहले टीचर, स्टूडेंट व अन्य स्टाफ को टीके की कम से कम एक डोज लगवाना अनिवार्य होगा।
सूत्रों ने बताया कि कॉलेज-स्कूल खोलने और 12वीं के रिजल्ट को लेकर मंत्री समूह की बुधवार देर शाम मंत्रालय में बैठक हुई। जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. मोहन यादव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया सहित चारों विभागों के अफसर मौजूद रहे। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग ने मंत्रियों के सामने कॉलेज खोलने को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। इसमें कहा गया कि चूंकि प्रदेश में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ गई है और 18 साल से अधिक आयु के 77 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। इसके साथ ही कोरोना भी काबू में है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए कॉलेज खोले जा सकते हैं। इसको लेकर सभी मंत्रियों ने सुझाव दिया कि जुलाई तक 18 से 25 साल तक के अधिकांश लोगों को पहला डोज लग जाएगा। ऐसे में अगस्त में कॉलेज खोले जा सकते हैं। इसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने बताया कि फिजिकल तौर पर कॉलेज को खोलने पर विचार विमर्श किया गया है। जिन्हें वैक्सीन का एक डोज भी लग गया है, उन्हें कक्षा में प्रवेश दिया जा सकता है। संभावना है कि कोविड नियमों के साथ अगस्त में कॉलेज खोले जा सकते हैं, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही करेंगे।
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