मध्य प्रदेश के ख्याति प्राप्त तकनीकी कालेजों में से एक जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के गौरवशाली 75वें वर्ष में प्रवेश पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है ।अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की ओर एक कदम "सृजन" के तहत स्थापित सेन्टर फॉर इन्क्यूबेशन डिजाईन एण्ड इनोवेशन और नवीन टीचिंग ब्लॉक का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के अमृत महोत्सव में शामिल होना मेरे लिये भी सौभाग्य का क्षण है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है। इस कॉलेज ने कई नेशनल और इंटरनेशनल पर्सनेलिटीज दी हैं। कार्यक्रम में जबलपुर के प्रभारी मंत्री एवं लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव और तकनीकी शिक्षा, खेल-युवा कल्याण, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया भी मौजूद रहीं।
विश्व-स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित होगा जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जबलपुर की इस धरोहर को हम विश्व-स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जेईसी में स्नातक स्तर पर दो नवीन शाखाओं को प्रारंभ करने की जरुरत है। इसके लिये हमने वर्कआउट किया है। यहाँ आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स एवं डेटा साईंस और मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की शाखाएँ प्रारंभ की जायेंगी।
औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से किया जा रहा है कार्य
मुख्यमंत्री श्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के युवा इंजीनियरिंग छात्रों के साथ संवाद भी किया। संवाद के दौरान एक छात्रा ने प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने संबंधित सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारें में प्रश्न किया। इस पर श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। औद्योगिक निवेश के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करने की सतत् रूप से कोशिश की है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में हमने "स्टार्ट योर बिजनिस इन थर्टी डेज" की योजना भी बनाई है। अभी हमारे एमएसएमई के 13 नये क्लस्टर स्वीकृत हुए हैं और इनकी संख्या हम लगातार बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
तीन इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनेगें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अभी तीन इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाने का फैसला भी लिया है। पहला अटल एक्सप्रेस-वे, दूसरा जबलपुर-रीवा-सतना होते हुए सिंगरौली तक अलग-अलग इण्डस्ट्री के लिये कॉरीडोर स्थापित करना और तीसरा नर्मदा एक्सप्रेस-वे है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे को हम अमरकंटक से प्रारंभ कर जबलपुर होते हुए गुजरात की सीमा तक ले जायेंगे और जगह-जगह लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और बड़े निवेश के लिये औद्योगिक क्लस्टर का निर्माण करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रश्न के जवाब के दौरान युवाओं से रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनने का आव्हान भी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इसके लिये राज्य सरकार युवाओं का हर संभव सहयोग करेगी। हमने फाईनेन्शियल सपोर्ट के लिये पूर्व में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना बनाई थी। इसको हम पुनर्जीवित करेंगे और अपने बेटे-बेटियों के लिये उद्योग लगाने के अवसर पैदा करेंगे।
जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का होगा सर्वांगीण विकास
इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती सिंधिया ने भी जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कॉलेज के सर्वांगीण विकास के लिये सभी को ऊर्जा के साथ काम करना होगा ।साथ ही उन्होंने कहा कि हम जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को इंटरनेशनल स्तर पर लाने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हमेशा हमें एजुकेशन के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिये प्रेरित किया है। उनके मार्गदर्शन में ही हम बच्चों को स्वयं का उद्यम स्थापित करने की दिशा में आगे ले जा रहे हैं। इस कॉलेज को ऐसा स्थापित करने का प्रयास करेंगे जिससे इसका नाम सभी की जुबान पर हो।
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