Thursday, October 28, 2021

आज से दिवाली तक सब कुछ शुभ ही शुभ, 28 अक्टूबर से शुक्रवार की सुबह करीब 11.37 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा l

इस बार की दिवाली कई मायनों में खास होने वाली है। एक तरफ जहाँ देश में सौ करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना से बचाव का सुरक्षा कवच मिल चुका है मतलब टीका लग चूका है, वहीं गृह नक्षत्र भी कुछ ऐसे संयोग बना रहे हैं कि अब आगे चलकर सब कुछ मंगल ही मंगल होने वाला है 8 अक्टूबर (पुष्य नक्षत्र) से 4 नवंबर (दिवाली) तक ऐसे मुहूर्त बन रहे हैं, जिनमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा। आज गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन खरीदारी करना बड़ा ही शुभ माना जाता है । आज पुष्य नक्षत्र में की गई खरीददारी ज्यादा फायदेमंद होगी, क्योंकि इस शुभ नक्षत्र के साथ चंद्रमा, बुध और शनि अपनी ही राशि में रहेंगे। साथ ही सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि और रवियोग होने से दिन और भी खास हो गया है।साथ ही साथ 19 साल बाद धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि 2 नवंबर को धनतेरस पर 19 साल बाद तिथि वार और नक्षत्र से मिलकर त्रिुपुष्कर नाम का शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग में किए गए निवेश से तीन गुना फायदा मिल सकता है। त्रिपुष्कर योग में की गई खरीदारी भी तीन गुना शुभ और फायदेमंद मानी जाती है। इसलिए इस दिन बिजनेस और शुभ कामों की शुरुआत करनी चाहिए।उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक 677 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब मकर राशि में गुरु और शनि की युति के रहते गुरु-पुष्य संयोग बना है। इससे पहले 5 नवंबर 1344 को ऐसा संयोग बना था। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि हैं और शनि के नक्षत्र में किया काम लंबे समय तक चलता है। गुरुवार और पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से गुरु पुष्य योग बन रहा है। साथ ही पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि और रवियोग होने से इस दिन हर तरह की खरीदारी और निवेश किया जा सकता है। गुरुवार, 28 अक्टूबर से शुक्रवार की सुबह करीब 11.37 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने से इसे गुरु पुष्य कहा जाता है। ज्योतिष में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार धनतेरस और दिवाली से पहले खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ मुहूर्त बन रहा है। यह गुरु-पुष्य नक्षत्र 28 अक्टूबर की सुबह से शुक्रवार सुबह करीब 11:37 तक रहेगा।दीपावली महापर्व पर सूर्योदय के साथ ही चतुर्ग्रही शुभ योग शुरू हो जाएगा, जो कि रातभर रहेगा। लक्ष्मी पूजा के साथ इस दिन हर तरह की खरीदारी के लिए विशेष मुहूर्त बन रहा है।बृहस्पति देव और प्रभु श्री राम भी इसी नक्षत्र में पैदा हुए थे। नारद पुराण के अनुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग महान कर्म करने वाले, बलवान, कृपालु, धार्मिक, धनी, कलाओं के ज्ञाता, दयालु और सत्यवादी होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाली कन्याएं अपने कुल का यश बढ़ाने वाली होती हैं। ये कन्याएं शौभाग्य शालिनी, धर्म में रूचि रखने वाली, धन-धान्य प्राप्त करने वालीं, सौंदर्य शालिनी और पतिव्रता होती हैं। 




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