Friday, October 15, 2021

दुनिया के 40 फीसदी लोग छोड़ना चाहते हैं नौकरी, जानिये क्या होता है "The Great Resignation" ?

एक सर्वे के मुताबिक, अमेरिका के 50 प्रतिशत लोग अब नई जॉब्स की तलाश में हैं और अब Career के दूसरे ऑप्शन्स की खोज में हैं  साथ ही साथ यह जानकारी भी सामने आयी है कि अमेरिका में अगस्त 2021 के महीने में करीब 43 लाख लोगों ने अपनी नौकरियां से Resignation दे दिया l  यह अमेरिका जैसे बड़े की कुल Work Force का लगभग  03 %  है l यह तो हो गयी दुनिया की सबसे बड़ी सुपर पावर अमेरिका की बात, लेकिन जॉब छोड़ने का यही ट्रेंड पूरी दुनिया में देखा जा रहा है और इसलिए इसे नाम दिया गया है "The Great Resignation" जिसे हम "The Great Quit" के नाम से भी जानते हैं l अपने भारत में इसे "नौकरीपेशा लोगों का महापलायन" के नाम से जाना जाता है l यहाँ यह बात दीगर है क़ि जॉब छोड़ने वालों में महिलाएँ नंबर वन हैं l  इस टर्म "The Great Resignation" को खोजने वाले हैं अमेरिका की "Texas A&M University" के प्रोफेसर Anthony Klotz (एंथनी क्लोट्ज)l Dr. Anthony C. Klotz is the Anderson Clayton Professor of Business Administration and an Associate Professor of Management at Mays Business School, Texas A&M University. He teaches classes in Organizational Behavior, HR Management, and Leadership at the undergraduate, MBA, and Ph.D. levels.

 

                                Anthony Klotz, Associate Professor

                                        Department of Management

आज पूरी दुनिया में जॉब करने वाले लगभग 350 करोड़ लोग हैं और एक स्टडी के मुताबिक अब करीब 140 करोड़ लोग अपने प्रेजेंट जॉब से छुटकारा पाना चाहते हैं l बहुत सारे लोग अब काम से ब्रेक लेना चाहते हैं, कुछ लोग अपना Career का दूसरा ऑप्शन सर्च कर रहे हैं, कुछ लोगों ने रिटायर होने का मन बना लिया हैl भारत में परिस्तिथियाँ ज्यादा डिफरेंट नहीं हैं, यहाँ भी 51 प्रतिशत Employee अपनी Field छोड़कर किसी दूसरी Field में अपना Career बनाना चाहते हैं l अब बात करते हैं एक बार फिर से अमेरिका की l अमेरिका में सितंबर के महीने में 3 लाख से ज्यादा महिलाओं ने अपनी नौकरी से छुटकारा पा लिया,जबकि इसी दौरान सिर्फ 1 लाख 80 के करीब पुरूषों ने resign किया  l  यहाँ पर एक बात यह भी नोट करने वाली है कि सबसे ज़्यादा संख्या में नौकरी वह लोग छोड़ रहे हैं जिन पर जरूरत से ज्यादा काम का दबाव है और जिनकी सैलरी भी काफ़ी कम है साथ ही साथ जिन्हें लगता है कि कोरोना की महामारी के बाद उन्हें अपनी Lifestyle पर फिर से विचार करना चाहिए l इन कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि कोरोना के बहाने उनकी कंपनियों ने छंटनी शुरू कर दी l इस दौरान बहुत सारे Middle और Junior Level के कर्मचारी हटाए गए लेकिन जो लोग Senior Positions पर थे उनके साथ ऐसा नहीं किया गया l अमेरिका समेत कई यूरोपियन कंट्री में जॉब्स को लेकर ऐसी सिचुएशन बन चुकी है कि वहां नौकरियां ज्यादा हैं लेकिन नौकरी करने वाले लोगों की संख्या कम है l  अब यह जानने की कोशिश करते हैं कि ऐसा क्या हो गया कि लोग अपनी लगी लगायी जॉब छोड़ने के लिए आतुर हैं, प्रोफेसर Anthony Klotz (एंथनी क्लोट्ज) इस "The Great Resignation" या महापलायन के लिए चार कारणों को जिम्मेदार मानते हैं : 

1. बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो 2 वर्ष पहले ही अपनी नौकरी छोड़ देना चाहते थे, लेकिन Covid-19 की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि लोगों को अपनी जेब की चिंता थी l लेकिन अब अर्थव्यवस्थाएं फिर से खुल रही हैं और वो सारे लोग जो पहले नौकरी नहीं छोड़ पाए वो अब बड़ी संख्या में इस्तीफा दे रहे हैं l 

2. दूसरा कारण है Burn Out. Burn Out का मतलब होता है आपके शरीर और मन का काम करते-करते थक जाना और एक ऐसी स्थिति आ जाना जब आपको लगने लगे कि अब आप एक दिन भी अपनी नौकरी को जारी नहीं रख सकते क्योंकि आपका शरीर और मन ही आपका साथ नहीं दे रहा l  भारत में 41 प्रतिशत लोगों को ऐसा लगता है कि वो अब Burn Out हो चुके हैं l 

3. तीसरा कारण यह है कि महामारी के दौरान लोगों को खुद के बारे में सोचने का ज्यादा मौका मिला क्योंकि Lockdown की वजह से या तो दफ्तर बंद थे या फिर लोग घरों से ही काम कर रहे थे l जब लोगों को खुद का निरीक्षण करने का मौका मिला तो उन्हें समझ आया कि वो जो काम कर रहे हैं वो असल में उसे करना ही नहीं चाहते l 

4. चौथा कारण ये है कि अब लोगों को डर है कि उन्हें एक बार फिर से दफ्तरों में जाकर काम करना होगा. घर से काम करने की सुविधा अब कंपनियां वापस लेने लगी हैं, लोगों को लगता है कि इससे काम के मामले में उनकी Flexibility यानी लचीलापन खत्म हो जाएगा और उन्हें फिर से 9-10 घंटे की Routine नौकरियों पर लौटना होगा l 

कुछ Experts यह भी मानते हैं कि ये नौकरियों के मौजूदा तौर तरीकों के खिलाफ कर्मचारियों का बड़े पैमाने पर विद्रोह है l अमेरिका में एक Study में करीब 56 प्रतिशत कर्मचारियों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि जब Lockdown था और कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा था तो उनकी कंपनियों ने उनसे उनका हालचाल तक नहीं पूछा l दुनिया भर के कर्मचारियों की नाराजगी की एक बड़ी वजह ये भी है कि उनसे जरूरत से ज्यादा काम तो कराया जाता है लेकिन जब वो छुट्टी मांगते हैं तो उन्हें छुट्टी नहीं दी जाती l पूरी दुनिया के मुकाबले भारत में सबसे ज्यादा कर्मचारी ऐसा मानते हैं कि उन्हें पर्याप्त छुट्टियां नहीं मिल पाती l भारत में ऐसा मानने वालों की संख्या 75 प्रतिशत है, जबकि दक्षिण कोरिया के 72 प्रतिशत और Hong Kong के 69 प्रतिशत कर्मचारियों का दुख भी यही है l हालांकि भारत में आज से ही बड़ी संख्या में लोग Long Weekend पर चले गए हैं और कई दफ्तर इस समय खाली हैं फिर भी भारत में बहुत सारे कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें त्योहारों पर भी छुट्टियां नहीं मिलती l Construction Industry इसका example है भारत में कोविड -19 की वजह से बहुत सारे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स अपने तय समय से पीछे चल रहे हैं और सरकार की डेड लाइन की वजह से कर्मचारियों को छुट्टी के दिन भी काम करना पड़ रहा है l पश्चिमी देशों में Lockdown के दौरान लोगों के खर्चे कम हो गए थे और लोगों की Savings बढ़ गई थी और इन पैसों के भरोसे लोग Early Retirement ले रहे हैं l एक कारण यह  भी है कि अदुनिया की ज्यादातर economies फिर से खुल गयीं हैं और जॉब्स के नए नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं जिससे  लोगों को लगता है कि अगर वो नौकरी छोड़कर कुछ समय के लिए अपने काम से Break ले भी लेंगे तो उन्हें दूसरी नौकरी आसानी से मिल जाएगी l नौकरी छोड़ने का एक reason यह भी है कि जिन लोगोँ को कोविड हो चुका है उनमें से ज़्यादातर शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो चुके हैं और साथ ही साथ वह लोग भी मानसिक रूप से टूट से चुके हैं जिन्हें कोविड नहीं हुआ है और यह लोग भी अब अपनी जिंदगी जीने के तरीकों पर फिर से विचार करने लगे हैं l 


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