Friday, October 8, 2021

एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की कमान एक बार फ़िर से टाटा के हाथ, रतन टाटा ने लिखा, वेलकम बैक एयर इंडिया।'

एअर इंडिया की अखिरकार घर वापसी हो ही गई।टाटा समूह ने एअर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपए में खरीद लिया है। सरकार ने एअर इंडिया का रिजर्व प्राइस 12,906 करोड़ रुपए रखा था। इसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्ट्री के डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने किया।टाटा के हाथ एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी। दीपम के सेक्रेटरी तुहीन कांत पांडे ने कहा कि जब एअर इंडिया विनिंग बिडर के हाथ में चली जाएगी तब उसकी बैलेंसशीट पर मौजूद 46,262 करोड़ रुपए का कर्ज सरकारी कंपनी AIAHL के पास जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपए का कैश मिलेगा।ट्वीट पर एक बयान जारी करते हुए उन्होंने लिखा, 'टाटा समूह का एयर इंडिया के लिए बोली जीतना अच्छी खबर है। हम यह स्वीकार करते हैं कि एयर इंडिया को फिर से खड़ा करने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी। लेकिन इसी के साथ-साथ विमानन क्षेत्र में टाटा समूह की मौजूदगी उसे बाजार में आगे बढ़ने का मजबूत अवसर देगी।' उन्होंने निजी क्षेत्र के लिए सरकार की हालिया नीतियों को धन्यवाद कहा।टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने अपने ट्वीट में एअर इंडिया की बिड में टाटा ग्रुप के विनर बनने को बड़ी खबर बताया। उन्होंने कहा कि एअर इंडिया को नए सिरे से खड़ा करने में बहुत मेहनत लगेगी, लेकिन इससे एविएशन इंडस्ट्री में टाटा ग्रुप को बड़े कारोबारी मौके भी मिलेंगे। रतन टाटा ने कुछ उद्योगों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने की नीति के लिए सरकार की सराहना की।एअर इंडिया को बेचने का फैसला सबसे पहले 2000 में किया गया था। उस साल 27 मई को सरकार ने इसमें 40% हिस्सा बेचने का फैसला किया था। 2000 में ही अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाली राजग सरकार ने मुंबई के सेंटॉर होटल सहित कई कंपनियों का विनिवेश किया था। तब अरुण शौरी विनिवेश मंत्री थे।रतन टाटा ने आगे लिखा, 'भावनात्मक रूप से कहूं तो जेआरडी टाटा के नेतृत्व में एयर इंडिया ने कभी दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित एयरलाइन का रुतबा हासिल किया था। टाटा के पास अब उसी छवि को दोबारा हासिल करने का मौका है। अगर वह आज हमारे बीच होते तो बेहद खुश होते। हमें सरकार का भी शुक्रिया अदा करने की जरूरत है, जो हाल ही में चुनिंदा उद्योगों को निजी क्षेत्रों के लिए खोलने की नीति लेकर आई है।वेलकम बैक एयर इंडिया।बोली जीतने वाले टाटा ग्रुप को 15,300 करोड़ रुपए का कर्ज भी लेना होगा। एअर इंडिया पर कुल 43 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें से 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज पिछले दो सालों में बढ़ा है। हालांकि यह कर्ज सरकार खुद अपने ऊपर लेगी और बोली जीतने वाले यानी टाटा के ऊपर 23 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ही जाएगा।एअर इंडिया का रिजर्व प्राइस 12,906 करोड़ रुपए था। एअर इंडिया की कीमत उसके एंटरप्राइज वैल्यू पर तय की गई थी। एंटरप्राइज वैल्यू मतलब कंपनी की वैल्यूएशन। एअर इंडिया शेयर बाजार में लिस्ट नहीं है, इसलिए उसकी इक्विटी की कोई वैल्यूएशन नहीं की गई। हो सकता है कि टाटा आगे चलकर इसे शेयर बाजार में लिस्ट करा दें। टाटा ग्रुप की 28 कंपनियां लिस्टेड हैं।







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