पीएम मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की नई इमारत का उद्घाटन किया।इस दौरान 37 स्टूडेंट्स को गोल्ड मैडल और 14 को डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की जाएगी।इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।मोदी ने कहा - राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में आना मेरे लिए विशेष आनंद का अवसर है। ये विश्वविद्यालय, देशभर में रक्षा के क्षेत्र में जो अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए नए अवसर पैदा करेगा। रक्षा के क्षेत्र में 21वीं सदी को जो चुनौतियां हैं, उनके अनुकूल हमारी व्यवस्था भी विकसित हो और उन व्यवस्थाओं को संभालने वाले व्यक्तित्व का विकास हो, इसके लिए इस विश्वविद्यालय का जन्म हुआ है। राष्ट्रीय रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय एक ऐसा क्षेत्र है, जो देश भर में रक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वालों के लिए मौका देगा। जो युवा डीवाईएसपी, पीएसआई और कांस्टेबल बनना चाहते हैं, उन्हें उस स्तर का पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्योंकि, आज के समय में वेल ट्रेंड मेन पॉवर देश की सबसे बड़ी जरूरत है।
पीएम ने आगे कहा- आज के ही दिन नमक सत्याग्रह के लिए इसी धरती से दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी। गांधी जी के नेतृत्व में अंग्रेजों के अन्याय के खिलाफ जो आंदोलन चला, उसने अंग्रेजी हुकूमत को हम भारतीय की सामूहिक सामर्थ्य का अहसास करा दिया था। दुर्भाग्य से आजादी के बाद हमारे देश में कानून व्यवस्था के लिए जो काम होना चाहिए था, उसमें हम पीछे रह गए. आज भी पुलिस के संदर्भ में जो अवधारणा बनी है, वो ये है कि इनसे दूर रहो. वहीं सेना के लिए अवधारणा है कि सेना के लोग आ जाएं तो कोई परेशानी नहीं होती।
इस मौके पर अमित शाह ने कहा - 'अब यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से काम करने के लिए आगे बढ़ेगी। हमारे प्रधानमंत्री 2002 से 2013 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और उस समय उन्होंने कानून-व्यवस्था के विषय को नए तरीके से देखना शुरू किया था। उन्होंने पूरे पुलिस विभाग का आधुनिकीकरण किया, ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जिसे कभी बदला नहीं गया। हर पुलिस स्टेशन के पास वह सॉफ्टवेयर होता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, गुजरात फोरेंसिक विश्वविद्यालय और रक्षाशक्ति विश्वविद्यालय जैसे तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना की। जहां कानून व्यवस्था से जुड़े तीनों संकायों को इसमें करियर बनाने की सुविधा मिली है।
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