आरबीआई (RBI) ने FY23 की पहली बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है रेपो रेट को 4% पर जस का तस रखा है इससे सबसे बड़ा फायदा कंज्यूमर यानी आम आदमी को होगा, आम आदमी की EMI पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।लेकिन इसके साथ ही वहीं RBI ने FY23 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7.8% से घटाकर 7.2% कर दिया है और महंगाई दर का अनुमान 4.5% से बढ़ाकर 5.7% कर दिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी सदस्यों की सहमति से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि बाजार से लिक्विडिटी धीरे-धीरे बाहर निकाली जाएगी। RBI गवर्नर ने कहा, सप्लाई चेन को लेकर ग्लोबल मार्केट दबाव में है। RBI हर दो महीने पर पॉलिसी रिव्यू मीटिंग करता है। FY23 की यह पहली रिव्यू मीटिंग है जो 6 अप्रैल को शुरू हुई थी। इससे पहले RBI की बैठक फरवरी में हुई थी।लास्ट टाइम 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव हुआ है। तब से रेपो रेट 4% के ऐतिहासिक लो लेवल पर बना हुआ है। रेपो रेट वह रेट होता है जिस पर RBI से बैंकों को कर्ज मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस दर पर बैंकों को RBI के पास अपना पैसा रखने पर ब्याज मिलता है।
GDP ग्रोथ को लेकर RBI के अनुमान
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