क्या दुनिया एक बार फिर से एटॉमिक वॉर की तरफ बढ़ रही है ? अमेरिका के क्रिया कलाप और आँकड़े तो ऐसा ही इशारा कर रहे हैं।अभी 2 अक्टूबर 2022 को ही अमेरिकी सरकार ने 2,389 करोड़ रुपए की आयोडीन दवा खरीदने का ऐलान किया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका में एक साथ इतनी ज्यादा आयोडीन गोली की खरीददारी हुई है।उधर बाइडन सरकार का भी कहना है कि ये गोलियाँ केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हमले से बचने के लिए ये दवाइयां खरीदी गई हैं।
बात सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित नहीं है, यूरोप में भी तेजी से परमाणु दवाओं की बिक्री बढ़ी है। रूस और यूक्रेन से सटे देश पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ में इस तरह की दवाइयों के वितरण के लिए 600 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं।पोलैंड के सभी 16 प्रोविंस में इस तरह के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाए गए हैं। मालोपोल्स्का प्रांत में 34 लाख आबादी के लिए सरकार ने 55 लाख आयोडीन की गोलियां भेजी हैं। पोमेरानिया में 23 लाख आबादी के लिए 40 लाख गोलियों का स्टॉक रखा गया है।रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद फिनलैंड में मार्च 2022 में एक सप्ताह में 90 हजार से ज्यादा पैकेट पौटैशियम आयोडाइड की दवा बिक रही थीं। पुतिन और बाइडन के बयान के बाद एक बार फिर से यहां आयोडीन दवा की बिक्री में वृद्धि हुई है।
ब्रिटेन में भी सिचुएशन काफी सिमिलर ही। ऑक्सफोर्ड हेल्थ कंपनी ने बताया है कि यहां पोटैशियम आयोडाइड 150mg दवा की बिक्री काफी तेजी से बढ़ी है। दवा से जुड़ी जानकारी के लिए अक्टूबर की शुरुआत में कंपनी की वेबसाइट पर अचानक से पेज व्यूज में 15,000% की बढ़ोतरी हुई है।इसके साथ ही साथ यूरोपियन यूनियन ने भी प्रेस रिलीज कर यूक्रेन को 55 लाख पोटैशियम आयोडाइड की गोली भेजने की बात कही है।
पोटैशियम आयोडाइड दवा की कीमत में भी जबरदस्त उछाल आया है। पिछले साल अमेज़न पर जो दवा करीब 2400 रुपए में मिल रही थी आज उसी दवा की 180 गोलियाँ अमेज़न पर ही करीब 5771 रुपये में मिल रही है।
1986 में उत्तरी यूक्रेन के प्रिपायत में चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट में विस्फोट हुआ था। तब हिरोशिमा में परमाणु हमले से निकले रेडिएशन के मुकाबले चेर्नोबिल में 400 गुना ज्यादा रेडिएशन हुआ था। तब लोगों की जान बचाने के लिए पोटैशियम आयोडाइड टैबलेट बांटे गए थे।
2011 में जापान में आए भूकंप और सुनामी की वजह से फुकुशिमा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट को नुकसान हुआ था। इस समय जापान के लोगों ने जान बचाने के लिए ये दवा खरीदी थी। सिर्फ जापान ही नहीं अमेरिका में भी तब आयोडीन दवा की बिक्री बढ़ी थी।
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