मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के प्रति पूरी सजगता और सतर्कता बरतना जरूरी है। इसमें बरती गई जरा सी भी लापरवाही कोरोना संक्रमण को पुन: आमंत्रित कर सकती है। ऐसी स्थिति से हमे बचना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीसरी लहर के पूर्व ही प्रदेश सरकार तेजी से स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के साथ चिकित्सकीय अधोसंरचनाओं का निर्माण कर रही है। विशेष रूप से अस्पतालों में आईसीयू बेडस की संख्या बढ़ाने के साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिये ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास यह है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिये जो जद्दोजहद हुई और परेशानी सही गई, वैसी स्थिति दोबारा न आने पाये।
विशेषज्ञों की समिति द्वारा शिशुओं के उपचार के लिए प्रोटोकाल गाइड लाइनमुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में विशेषज्ञों की समिति द्वारा गहन अध्ययन के पश्चात शिशुओं के उपचार की विस्तृत प्रोटोकॉल गाइड लाइन जारी की गई है। अभिभावक बच्चों के साथ वार्ड में रह सकें, इसके लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले बच्चों के अभिभावकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कोरोना रोगियों को निर्बाध रूप से अस्पतालों तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण किया गया है। कुल 1002 एम्बुलेंस इस कार्य के लिए चिन्हांकित की गई हैं। इनमें 167 ए.एल.एस. (एडवांस लाइफ सपोर्ट) तथा 835 बी.ए.एस. (बेसिक लाइफ सपोर्ट) एम्बुलेंस हैं।
कोविड अनुकूल व्यवहार अपनायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के उपचार के लिये जितनी जरूरत अस्पताल, दवाओं और ऑक्सीजन की होती है, उससे कहीं जरूरी है कि आम नागरिक कोरोना वैक्सीन के साथ कोविड अनुकूल व्यवहार भी अपनायें। मास्क लगाना, दो गज की दूरी बनाये रखना, सेनेटाइजर का समय-समय पर उपयोग करना और भीड़-भाड़ करने से बचना ही कोरोना संक्रमण से बचाव का सबसे बड़ा साधन है। हम सब को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना ही होगा। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसे रोके भी और टोके भी। तभी हम कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में कामयाब हो सकेंगे।
आई.सी.यू. बेड्स की संख्या में वृद्धि
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि तीसरी लहर की तैयारियों में 813 आई.सी.यू. बेड्स स्थापित किए गए हैं। आगामी कार्य-योजना में 650 नए आई.सी.यू. बेड्स स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में भी 345 आई.सी.यू. बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं। प्रत्येक जिले में शिशु आईसीयू की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश में 320 शिशु आईसीयू के बिस्तर नियोजित किए गए हैं, जिनमें 200 बिस्तरों की संख्या अतिरिक्त रूप से स्थापित की जा रही है। इसके अतिरिक्त चिकित्सा महाविद्यालयों में 380 शिशु आईसीयू बिस्तरों की वृद्धि की जा रही है। प्रदेश में डॉक्टरों के रिक्त्पदों की पूर्ति के लिये चिकित्सा विशेषज्ञों की भर्ती का कार्य भी शुरू हो गया है।